17 अति पिछड़े समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किया जायः रामधनी



जौनपुर। 17 अति पिछड़ा समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन भारतीय मानव समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा। पत्रक के माध्यम से कहा गया कि 17 अति पिछड़ा समाज जो कई वर्षों से अपनी आर्थिक शैक्षणिक समाजिक स्थिति सुधार के लिये बिन्द, केवट, कश्यप, कहार, ढीमर, मांझी, राजभर, भर, प्रजापति, तुरहै, रायकवार, बाथम, कुम्हार, मल्लाह, चौहान, निषाद जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाय। यह मामला कोर्ट में भी था लेकिन 31 अगस्त 2022 को कोर्ट ने इस आरक्षण के मामले को रद्द कर दिया जिससे इन 17 अति पिछड़े समाज के जातियों में काफी नाराजगी है। इस जाति के लोग सपा को अपना वोट देकर सरकार बनाये लेकिन वह सरकार इन जातियों को आरक्षण नहीं दे पाये। अब 2014 से 2022 तक यह जातियां इस आशय में भाजपा को अपना वोट कर रही थीं कि इनका भला होगा लेकिन भाजपा सरकार ने कोर्ट में आरक्षण के समर्थन में अपना हलफनामा दाखिल नहीं किया। केन्द्र सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण सवर्णों को तुरंत पास कर दिया लेकिन 17 अति पिछड़े समाज जिससे इनकी सरकार बनती है, के अधिकार के लिये कोई कार्य यह सरकार नहीं कर रही है। पत्रक देने वालों ने राष्ट्रपति से मांग किया इन अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाकर व अनुसूचित जाति का 21 से 35 प्रतिशत तक कोटा बढ़ाकर इनके आरक्षण को लागू किया जाय जिससे इन जातियों को भी आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सम्मान प्राप्त हो सके, इसलिए इन मुद्दों को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष रूप से इन मांगों को पूरा किया जाय। राष्ट्रीय अध्यक्ष केवट रामधनी बिन्द के नेतृत्व में जिला प्रशासन को ज्ञापन देने वालों में गणेश बिन्द, विजय निषाद, उमेश प्रजापति, शिव कुमारी, बेइला देवी, भगवानी, कुसुम देवी, कोसा देवी, सतना देवी, गोविन्द सहित पार्टी के तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रमुख रहे।

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