पशु चिकित्सालय में पसरा सन्नाटा, चिकित्सक रहे नदारत

निराश होकर वापस लौटे किसान व पशुपालक,नहीं हुआ उपचार-



मुंगराबादशाहपुर,। ब्लॉक मुख्यालय का पशु चिकित्सालय कई दिनों से बंद रहने से आम नागरिकों व पशुपालकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सीय सेवा आपातकाल की श्रेणी में आता है ।लेकिन आपत्कालीन समय तो दूर अस्पताल के कार्यालय में बैठने वाला कोई नहीं है। गुरुवार को गांव गोधुवां निवासी 85 वर्षीय किसान रामनिरंजन पाल भैंस की तबीयत खराब होने के कारण वह चिकित्सा परामर्श लेने पहुंचे थे। जब चिकित्सालय पहुंचे तो देखा कि दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। और कोई डॉक्टर व कर्मचारी नहीं दिखा। घंटों इंतजार के बाद वह वापस लौट गए।

साथ ही पकड़ी गांव निवासी रमेश हरिजन व बड़ागांव से रवि कुमार पशु चिकित्सालय पहुंचे थे। ताला बंद होने के नाते वह भी निराश होकर लौट गए।लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि डॉ सुशांत यादव वहां से नदारद रहे। बताया जाता है कि वह कई दिनों से पशु अस्पताल में नहीं जाते हैं। जिसका खामियाजा वहां पशुपालकों को भुगताना पढ़ रहा है। किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर भाजपा नगर मंडल महामंत्री रंजीत गुप्ता के पास पहुंचे। उन्होंने उक्त समस्याओं को पशु विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया।
इस संदर्भ में

पूछे जाने पर पशु चिकित्सधिकारी डॉ सुशांत यादव ने बताया कि उनके अलावा केवल एक सहायक वहां पदस्थ हैं। वह गांव- गांव फैली लंपी बीमारी के चलते वह फ़ील्ड में होने के कारण वहां ताला लगा रहता है। विकासखंड मुंगरा बादशाहपुर के अंतर्गत कुल 81 गांव में 180 से भी ज्यादा गांव के लोगों के जानवर व वन विभाग के जानवर केवल एक लोगों के उपचार भरोसे कैसे संचालित है।

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