जामिया हुसैनिया मदरसे से मिला अनमय मदद का भरोसा


इस्लामिक शिक्षा के उच्च केंद्र में चला अनमय बचाओ अभियान

अनमय मदद की भीख मदरसे तक पहुची

जौनपुर शहर बेगमगंज मोहल्ले में इस्लामी शिक्षा के उच्च केन्द्र के रूप में प्रतिस्थापित जामिया हुसैनिया मदरसे में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप वन नाम बिमारी से पीड़ित सुल्तानपुर के रहने वाले आठ माह के बच्चे अनमय को बचाने का अभियान विकास तिवारी व अतुल सिंह की अगुवाई में चलाया गया। वर्ष 1447 ई. से सतत् गतिमान जनपद जौनपुर के सबसे पुराने मदरसे के हास्टल में रहकर देश के कोने-कोने से आने वाले हजारो बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।

अनमय बचाओं अभियान के‌ सदस्यों का स्वागत मदरसे के मुख्य गेट पर संस्था के मुखिया मौलाना हाजी तौफीक द्वारा किया गया।
         अभियान के अगुवा विकास तिवारी ने मदरसे से जुड़े लोगों से कहा कि देश के कोने-कोने से आकर तालिम ग्रहण करने वाले छात्रों को यहा निशुल्क शिक्षा तथा रहने की व्यवस्था व भोजन दिया जाता है। हमारी यह कोशिश सतत् जारी है कि जनपद को मिला शिराज-ए-हिन्द का खिताब हमेशा बना रहे। तथा हमें गर्व भी है कि हमारे इस जनपद को विद्वानों का मरकज़ कहा जाता है। उन्होंने बताया कि अनमय बचाओ अभियान के तहत अब तक जौनपुर के प्रयासों से कुल 1 करोड़ 95 लाख के धन की व्यवस्था हो गयी है। बाकी के लिए हम निरन्तर सतत प्रयासरत है। और आज इसी क्रम में आपके बीच उपस्थित होकर अनमय के मदद हेतु गुहार लगा रहे है।
     कार्यक्रम के आयोजक द्वय अतुल सिंह ने बताया कि मदरसे के छात्रों के बीच अनमय बचाओं अभियान सुबह ग्यारह बजे से प्रारंभ होकर सायं चार बजे तक चलता रहा। कार्यक्रम समाप्त होने तक मदरसे के छात्रों व मुफ्तीयों ने मिलकर भारी मात्रा में धनराशि अनमय के उपचार के लिए प्रेषित किया।
   उक्त अवसर पर विकास तिवारी, अतुल सिंह, डॉ अब्बासी, अवनीन्द्र यादव, स्नेहिल यादव, अभय राज, रुद्रेश त्रिपाठी, निर्भय, आदर्श, आशीष राज

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