शव का अंतिम संस्कार करने से परिजनों ने किया इनकार

पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग, एसडीएम के आश्वासन पर हुआ दाह संस्कार
बरईपार।

                    कान्हापुर गांव निवासी गया प्रसाद ने मुंबई में दो दिन पहले खुदकुशी कर ली थी। शनिवार की रात में शव बरईपार में उनकी दुकान पर पहुंचा। परिवार वालों शव उठाने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि प्रताड़ित करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी उसके बाद ही शव उठेगा। पांच घंटे के बाद एसडीएम और सीओ ने कार्रवाई का आश्वासन देकर अंतिम संस्कार के लिए शव भेजवाया।

कान्हापुर गांव निवासी गया प्रसाद (32) कबाड़ की दुकान खोली थी। उसके परिवार लोग कपड़े की भी दुकान चलाते हैं। जुलाई महीने में पुलिस ने छापा मारकर कुछ बाइक व अन्य सामान बरामद किया था। उसी आरोप में उसका चालान किया था। अगस्त में गया प्रसाद की जमानत हुई तो वह कमाने के लिए मुंबई चला गया। परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि इसके बाद भी पुलिस पैसे के लालच में बार-बार परेशान करती रही।

तरह-तरह के दबाव से आजिज आकर गया ने शुक्रवार को मुंबई में ही खुदकुशी कर ली। वहां पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की आधी रात के बाद शव गांव में पहुंचा। वहां गया प्रसाद के पिता लालता प्रसाद गुप्ता ने शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया। कहा कि बेटे की मौत के लिए सीधे तौर पर सिकरारा थाने की पुलिस जिम्मेदार है। जब तक दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक दाह संस्कार नहीं होगा।

सूचना पाकर पहुंचे एसडीएम मछलीशहर राजेश चौरसिया, सीओ सदर एसपी उपाध्याय, सीओ मछलीशहर अतर सिंह ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजनों को समझाने के लिए विधायक मुंगरा बादहशापुर पंकज पटेल भी पहुंचे। उन्होने परिजनों को ढांढस बढ़ाया। इसके बाद करीब साढ़े 12 बजे शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया गया।

# रोते-रोते बेहोश हो गई पत्नी
मृत गया प्रसाद का शव जैसे ही गांव में पहुंचा तो कोहराम मच गया। पत्नी गुड्डी तो पहले से ही रो रही थी, शव देखकर वह कुछ देर के लिए बेहोश हो गई। किसी तरह से पानी छिड़ककर उसे होश में लाया गया। वहीं पुत्री सोनम और पुत्र जय प्रकाश के भी आंसू नहीं रूक रहे थे। वृद्ध पिता लालता प्रसाद यह कहकर फफक पड़े कि अब तो पुलिस ने मुझसे मेरा बेटा भी छीन लिया। अब चाहे जिससे लड़ना पड़े लड़ लूंगा।

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