सोशल साइट्स के पासवर्ड गोपनीय रखें और समय—समय पर बदलते रहें: ओपी जायसवाल


पुलिस लाइन सभागार में साइबर विशेषज्ञ ने छात्र—छात्राओं को क्राइम के प्रति किया जागरूक
जौनपुर। पुलिस महानिदेशक उ.प्र. के आदेशानुसार साइबर जागरूकता अभियान के क्रम में रिजर्व पुलिस लाइन के सभागार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी के निर्देशन में छात्र—छात्राओं, शिक्षकों व अभिभावकों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर सभागार में उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए साइबर विशेषज्ञ ओम प्रकाश जायसवाल ने कहा कि अपने सोशल साइट्स का पासवर्ड ऐसा बनायें जिसे कोई गेस न कर सकें। अपना मोबाइल नम्बर, जन्मतिथि आदि जैसे सरलतम पासवर्ड कभी नहीं बनाना चाहिये, ताकि आप साइबर क्राइम का शिकार होने से बच सकें। फेसबुक इत्यादि सोशल साइट्स के पासवर्ड बेहद गोपनीय रखें और समय—समय पर बदलते रहें। किसी दूसरे की फोटो लगाकर सोशल आईडी बनाना भी साइबर क्राइम के अन्दर आता है और इसमें आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई का भी प्रावधान है, इसलिये ऐसा कभी नहीं करना चाहिये। श्री जायसवाल ने कहा कि मोबाइल पर किसी को भी अपने एटीएम, बैंक सम्बंधित कोई भी जानकारी नहीं देनी चाहिये। ऑनलाइन शॉपिंग करते हुए भी काफी सजगता बरतनी चाहिये। उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड के लगातार बढ़ते मामले और उससे निजात पाने के कई तरीके समय—समय पर बताए जाते हैं लेकिन फिर भी साइबर फ्राड थमने का नाम नहीं ले रहा है। फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर मित्रों से रुपये मांगने का धंधा इन दिनों काफी जोरों पर है। विशेषज्ञ ने बताया कि हनी ट्रैपिंग जैसे मामलों में लोगों को इस तरह के फ्रॉड के प्रति जागरूक रहना चाहिए। किसी भी कम्पनी का कस्टमर केयर नम्बर उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही लें, क्योंकि साइबर ठगों ने अपने मोबाइल नम्बरों को विभिन्न आनलाइन कम्पनियों के कस्टमर केयर के नाम से गूगल पर अपडेट कर रखा है। कोई भी बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी एटीएम, खाते व क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी नहीं मांगता, इसलिए कभी भी मोबाइल पर बैंक से संबंधित जानकारी शेयर न करें। आनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करते हुए विशेष सावधानी रखें। इस अवसर पर तमाम छात्र—छात्राएं, शिक्षक, अभिभावक आदि उपस्थित रहे।

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