जानिए जौनपुर से किसको मिलेगा टिकट , हाईकमान की मिली हरी झंडी

जानिए जौनपुर से किसको मिलेगा टिकट , हाईकमान की मिली हरी झंडी
जौनपुर। स्थानीय निकाय चुनाव के आरक्षण की सूची जारी होते ही जिले की 9 नगर पंचायत व तीन नगर पालिका परिषद का सियासी पारा गर्म हो गया है। तीन नव सृजित नगर पंचायत कचगांव,रामपुर व गौराबादशाहपुर के मतदाताओं में खास उत्साह देखा जा रहा है क्योंकि इसके पूर्व वे ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य के लिए मतदान करते आये हैं। लेकिन इस बार वे वार्ड के सभासद व चेयरमैन पद के लिए अपना मतों का उपयोग करेगें। ऐसे में इन तीनों नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर पहली बार कोई आसीन होगा। सबसे ज्यादा चर्चा सदर के नगर पालिका परिषद के आरक्षण पर हो रही है क्योंकि दो दशक से इस सीट पर टंडन परिवार का कब्जा है। बदलते हालात व परिवेश के चलते दिनेश टंडन के इस किले को ढहाने के लिए खासतौर से भाजपा व सपा अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। भाजपा की अगर बात की जाये तो इस सीट पर सवर्ण जाति को वरीयता दी जा सकती है क्योंकि विधायक ओबीसी कोटे से चुने जा चुके है ,और प्रदेश सरकार में मंत्री का भी कार्यभार लगातार इस समाज को नेतृत्व करने के लिए मिला है ऐसे में सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास को देखते हुए पार्टी ये दांव खेल सकती है तो वहीं समाजवादी पार्टी भी मुस्लिम चेहरे के साथ साथ किसी ओबीसी या सवर्ण जाति के लोगों पर दांव आजमा सकती है। बीते दो चुनाव की अगर बात की जाये तो 2012 में डॉ.चित्रलेखा सिंह ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था तो वहीं 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर अपनी ताकत का एहसास दिखा चुकी है। इस बार वे सपा से टिकट की दौड़ में शािमल हैं तो वहीं पिछली बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी पूनम मौर्या भी अपना दावा ठोंकने में पीछे नहीं हैं। साथ ही विधानसभा का टिकट कटने के बाद तेज बहादुर मौर्य पप्पू व जगदीश मौर्य गप्पू भी पूरी दमखम के साथ टिकट लेने के लिए जुटे हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस भी अपने विपक्षियों के खेमें की राजनीति पर निगाहें गड़ाए बैठी है ऐसे में वोह भी कोई बड़ा दांव खेलने को तैयार है। मुस्लिम मतदाताओं को अपनी ओर जोड़ने के साथ साथ वोह स्वर्णकार व अन्य जाति के लोगों को भी अध्यक्ष पद का टिकट दे सकती है। इन दलों के बीच छोटे दलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। खासतौर पर भाजपा के गठबंधन में शामिल अपना दल एस व निषाद पार्टी पर भी निगाहें लोगों की गड़ी हुई हैं। अभी ये बात साफ नहीं हुई है कि स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा के घटक दल साथ मिलकर चुनाव लड़ेगें या फिर एक दूसरे के विरूद्ध अध्यक्ष पद के लिए बिगुल फूंकेगें। जनता दल यू के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सांसद धनंजय सिंह को भी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। ऐसे में उनके गृह जनपद में भी टिकट मांगने वालों की लाइन लगनी शुरू हो गई है। वहीं एआईएमएम व उलेमा कांउसिल के साथ साथ अन्य छोटे दल भी इस चुनाव में अपनी ताकत दिखाने को आतुर नजर आ रहे हैं। देखा जाये तो सदर नगर पालिका सीट पर इस बार का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प होता हुआ नजर आयेगा क्योंकि दो दशक से बसपा की हाथी पर सवार टंडन के परिवार को हराने के लिए सभी बेताब नजर आ रहे हैं।

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