पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर गोष्ठी आयोजित

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर गोष्ठी आयोजित

जौनपुर।कायस्थ महासभा संगत पंगत कायस्थ कल्याण समिति कायस्थ एकता मंच चित्रगुप्त सभा संगठन के पदाधिकारियों ने कायस्था महासभा के प्रदेश प्रवक्ता विश्व प्रकाश श्रीवास्तव दीपक पत्रकार के आवास भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धये लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी व भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया गया ।जिसमें कायस्थ महासभा 5680 के प्रदेश महामंत्री जिलाध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि  लाल बहादुर शास्त्री जी वाराणसी में काशी विद्या पीठ में शामिल हो गए। वहां,वह देश के महानतम बुद्धिजीवियों और राष्ट्रवादियों के प्रभाव में आये। काशी विद्या पीठ ने लाल बहादुर शास्त्री को 1926 में 'शास्त्री' की उपाधि दी। काशी विद्या पीठ से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की थी।
कायस्थ कल्याण समिति के प्रदीप श्रीवास्तव डी ओ ने कहा कि शास्त्री जी ने
रेल मंत्री के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि उस दौरान एक रेलवे दुर्घटना हुई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने घटना पर संसद में बोलते हुए, लाल बहादुर शास्त्री की अखंडता और उच्च आदर्शों का बखान किया। उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा स्वीकार कर रहे हैं क्योंकि यह संवैधानिक औचित्य में एक उदाहरण स्थापित करेगा। रेलवे दुर्घटना पर लंबी बहस का जवाब देते हुए, लाल बहादुर शास्त्री ने कहा कि शायद मेरा आकार छोटा होने और जीभ के नरम होने के कारण, लोग यह मान लिया है कि मैं बहुत दृढ़ नहीं हो पा रहा हूं। हालांकि मैं शारीरिक रूप से मजबूत नहीं हूं, लेकिन मैं आंतरिक रूप से इतना कमजोर नहीं हूं।कायस्थ महासभा 2150 के राष्ट्रीय महामंत्री राजेश श्रीवास्तव बच्चा भइया एडवोकेट ने कहा कि शास्त्री जी नेलाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के छोटे शहर मुगलसराय में हुआ था। उनके पिता स्कूल शिक्षक थे, उनकी मृत्यु तब हुई, जब लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ साल के थे। उसकी मां रामदुलारी देवी, पति के निधन के बाद अपनी तीनों बच्चों को अपने पिता के घर ले गई। लाल बहादुर गरीबी में पले, लेकिन उनका बचपन काफी खुशहाल था। शास्त्री जी को वाराणसी में उनके चाचा के साथ रहने के लिए भेजा गया था, ताकि वह हाई स्कूल में जा सके। उनके चाचा उन्हें नन्हे कहकर बुलाया करते थे।
वरिष्ठ नेता प्रदीप अस्थाना ने कहा कि शास्त्री जी ने
2 अक्टूबर को देश के महान नेता व स्वतंत्रता सेनानी लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाती है। दुग्ध और हरित क्रांति के जनक लाल बहादुर शास्त्री ने भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी के साथ कई राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लिया। लाल बहादुर शास्त्री ने दूध के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए श्वेत क्रांति जैसा राष्ट्रीय अभियान चलाया। उसके बाद शास्त्री जी ने किसानों के लिए हरित क्रांति का आव्हान किया। लाल बहादुर शास्त्री की मौत कैसे हुई? येआज भी रहस्य बनी हुई है।
उक्त अवशर पर कायस्थ महासभा 2150 के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव एडवोकेट, 2150 के जिलाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव एडवोकेट संगत पंगत के जिलाध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव हैप्पी, कायस्थ एकता मंच के जिलाध्यक्ष दयाशंकर निगम कायस्थ कल्याण समिति के अध्यक्ष दयाल सरन श्रीवास्तव कायस्थ महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्याम रतन श्रीवास्तव मामा, कायस्थ महासभा 5680 के जिला महासचिव संजय अस्थाना पत्रकार वरिष्ठ नेता संतोष निगम संगत पंगत के सुलभ श्रीवास्तव शरद श्रीवास्तव संदीप श्रीवास्तव पत्रकार अनीश श्रीवास्तव अजय श्रीवास्तव अंकित श्रीवास्तव पत्रकार अमित श्रीवास्तव अजय वर्मा अनुपम श्रीवास्तव आदि लोगो ने शास्त्री जी को अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपना अपना विचार दिया।
आभार प्रदेश प्रवक्ता कायस्थ महासभा विश्व प्रकाश श्रीवास्तव दीपक ने किया।

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