दिल की बीमारी होने पर जीवन की दुश्वारियां बढ़ जाती हैं: डा. हरेन्द्र देव
जौनपुर। एसोसिएशन ऑफ़ फिजिशियन जौनपुर के तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता डॉ मनमोहन सिंह ने किया। इस मौके पर वक्ता के तौर पर उपस्थित डा. हरेंद्र देव सिंह कंसलटेंट कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कि दिल की बीमारियों का बचाव ही एकमात्र उपाय है। जानकर आश्चर्य होगा कि बहुदा हृदय रोग पूर्णतया या जड़ से समाप्त नहीं होते हैं। यदि एक बार जाने अनजाने दिल के रोग की गिरफ्त में आ जाते हैं तो इससे पीछा छुड़ाना तो छोड़िए इलाज कराने एवं अपंगता से आपका पीछा नहीं छोड़ सकता है। मेडिकल साइंस बहुत आगे जा चुकी है। बहुत से नुस्खे तरीके, डिवाइसेज और शल्य चिकित्सा यह सारे साधन हृदय रोगियों में उनकी उम्र बढ़ा सकते हैं। उनके जीवन की क्वालिटी को अच्छी कर सकते हैं परंतु मरीज के असामयिक मृत्यु पर कोई नियंत्रण नहीं हो पाता है। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक, वाल्व की बीमारी एरिथमिया हार्ट फैलियर, कार्डियोमायोपैथी, जन्मजात अनुवांशिक दिल की बीमारियां हो जाने पर जीवन की दुश्वारियां बढ़ जाती हैं। इसकी मुख्य वजह है कि दिल की मांसपेशियों में रिपेयर करने की क्षमता नहीं होती है। हार्टफेलियर ही सारी बीमारियों के फलस्वरूप उत्पन्न हो जाता है। एक तरह से हार्ट फेलियर किसी भी रोगी की जिंदगी को अपंग बना देता है, दुश्वारियां भरा बना देता है तथा उनके इलाज को बेहद खर्चीला बना देता है। डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, मोटापा, हाइपो हाइपर, थायराइड बच्चों में रूमेटिक हार्ट, कंजेनिटल हार्ट दिसीज, बीमारियां जीवनशैली संबंधित समस्त रोग, सब मिलकर लगभग हार्ट फैलियर की तरफ ले जाते हैं। इस अवसर पर आईएमए अध्यक्ष डॉ अरुण मिश्रा, डा. सूरत द्विवेदी, डॉ वीएस उपाध्याय, डा. कमर अब्बास, डॉ पंकज सिंह, डा. आरपी यादव, डॉ अशोक पटेल, डा. कमर अब्बास, डा. हैदर अब्बास, डा. एनके सिन्हा, डॉ ऋषभ यादव, डा. सुधीर यादव, डॉ सुजीत सिंह, डॉ जितेंद्र यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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