श्रमिकों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक

श्रमिकों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक 
                   
जौनपुर। श्रम दिवस के अवसर पर श्रमिकों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक किये जाने हेतु जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल के निर्देशन में एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ.टी.सी. सचिव प्रशान्त कुमार के निर्देशन में ‘राजकीय मेडिकल कालेज सिद्दीकपुर में विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। श्रीमती नेहा यादव एवं श्रीमती रीना, श्रम प्रवर्तन अधिकारी द्वारा श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हुए बताया गया कि न्यूनतम मजदूरी एक्ट 1948, कारखाना एक्ट 1948, मातृत्व लाभ एक्ट 1961, महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न एक्ट 2013, भारत में कुछ महत्वपूर्ण श्रम कानून है, इन कानूनों में भारत में संगठित और असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए कई प्रावधान है, किसी भी समाज, देश, संस्था और उद्योग में मजदूरों, कामगारों और मेहनतकशों की अहम भूमिका होती है। उन की बड़ी संख्या इस की कामयाबी के लिए हाथों, अल्क-इल्म और तनदेही के साथ जुटी होती है। किसी भी उद्योग में कामयाबी के लिए मालिक, सरमाया, कामगार और सरकार अहम धड़े होते है। कामगारों के बिना कोई भी औद्योगिक ढ़ांचा खड़ा नहीं रह सकता। 
      अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार यादव द्वारा बताया गया कि भारत में एक मई का दिवस सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को मनाना शुरू किया गया था। उस समय इस को मद्रास दिवस के तौर पर प्रमाणित कर लिया गया था। इस की शुरूआत भारतीय मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेटयार ने शुरू की थी।   पीएलवी शिवशंकर सिंह, सुनील कुमार व श्रमिकगण उपस्थित रहे।

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