अच्छे नागरिक तैयार करने का माध्यम है खेलः संजय राय

अच्छे नागरिक तैयार करने का माध्यम है खेलः संजय राय

महामारी, आपदा में भी भूमिका निभाता है खेलः प्रो. अजय द्विवेदी

खेलो इंडिया मशाल जुलूस का विश्वविद्यालय में स्वागत

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में खेलो इंडिया 2022 के मशाल जुलूस का स्वागत शुक्रवार को किया गया। विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी मशाल जुलूस विश्वविद्यालय गेट से आर्यभट्ट तक सम्मान के साथ लेकर आएं। इसके बाद खेलो इंडिया 2022 पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने कहा कि खेलो इंडिया का उद्देश्य खेल को ग्राम स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है। साथ ही खेल के माध्यम से अच्छे नागरिक तैयार करना है। उन्होंने भारत और राज्य सरकार के खेल नीति पर भी चर्चा की तथा विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों का हर प्रकार से उत्साहवर्धन करने का आश्वासन दिया। खेलकूद परिषद के सचिव डा. ओपी सिंह ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुए इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता करते हुए छात्र अधिष्ठाता प्रो. अजय द्विवेदी ने कहा कि खेल व्यक्ति को स्वस्थ ही नहीं, महामारी, आपदा से लेकर जीवन के हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने प्रतिभाग किया है. जो कि गौरव की बात है। उन्होंने खेल का जीवन, समाज और राष्ट्रनिर्माण में योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह ने ओलम्पिक का उदाहरण करते हुए कहा कि खेल में जीत, हार से हटकर भावना से खेले गए खेल का सम्मान होता है। जिला क्रीड़ा अधिकारी अतुल सिंह ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही अपने जीवन के खेल अनुभवों को भी सांझा किया। खेलो इंडिया में 4000 प्रतिभागी और 200 विश्वविद्यालय प्रतिभाग कर रहे हैं। संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डा. राजेश सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. बीडी शर्माप्रो. देवराज सिंह,‌ प्रो.रजनीश भास्कर,  प्रो. मिथिलेश सिंह,  डॉ मनोज मिश्र,  डॉ प्रमोद यादवा,  डॉ गिरधर मिश्र,  डॉ सुनील कुमारउप कुलसचिव अमृत लाल सहायक कुलसचिव अजीत सिंह,  बबिता सिंह, रजनीश सिंह,  कर्मचारी संघ अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह,  महामंत्री रमेश यादव,  रामजी सिंह डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य सुबोध पांडेय सुशील कुमार प्रजापति समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी शामिल थे। 

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