जौनपुर में लोकसभा चुनाव की बिछने लगी बिसात, एक सपा विधायक पार्टी को देगे तलाक़ !

जौनपुर में लोकसभा चुनाव की बिछने लगी बिसात, सपा विधायक पार्टी को देगे तलाक़ !

आरिफ़ हुसैनी

जौनपुर । लोकसभा चुनाव 2024 को अभी बहुत समय है बावजूद इसके दावेदार अपनी चुनावी बिसात बिछाने में जुट गए है । कई दावेदार अपनी पार्टी से तो टिकट की दावेदारी कर ही रहे है साथ ही सत्तारूढ़ दल में भी टिकट के लिए जोड़-तोड़ में लगे है । वही सूत्रों की माने तो एक वर्तमान सपा विधायक की बीजेपी के नेताओ से काफी नजदीकिया बढ़ गई है सूत्र बताते है कि वो बहुत जल्द सपा को तलाक देकर भाजपा में शामिल होकर लोकसभा में जाने की तैयारी में है ।

जौनपुर लोकसभा क्षेत्र पर पिछले चुनाव में सपा बसपा गठबंधन से बसपा के श्याम सिंह यादव निर्वाचित हुए थे । तो वही मछली शहर लोकसभा से भाजपा के बीपी सरोज ने सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी टी राम को शिकस्त देकर भाजपा का झंडा लहराया था । चुनाव के बाद टी राम भाजपा में शामिल हो गए और वाराणसी की अजगरा सीट से विधायक है । लोकसभा चुनाव 2024 की अगर बात की जाए तो चुनाव लडने वाले प्रत्याशी क्षेत्र में सक्रिय हो गए है । जौनपुर लोकसभा से भाजपा के मुख्य दावेदारों में उद्योगपति ज्ञान प्रकाश सिंह , महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृह मंत्री कृपा शंकर सिंह , पूर्व सांसद केपी सिंह सहित कई नेता मजबूत दावेदारी कर रहे है , सूत्रों की माने तो भाजपा से ही एक बसपा के सांसद भी टिकट के जुगाड में लगे है । 
समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई , आजमगढ़ पवई सीट से विधायक बाहुबली रामाकांत यादव , पूर्व विधायक लालबहादुर यादव की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है । बसपा के सूत्रों की अगर मानें तो इस बार कोई नया दावेदार आयेगा या फिर पूर्व चेयरमैन दिनेश टंडन पर बसपा दांव लगा सकती है , कांग्रेस से देवव्रत मिश्रा या पूर्व विधायक नदीम जावेद में से किसी एक पर सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है ।
अब बात करते है बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की धनंजय सिंह जौनपुर से संसद रहे है और उनका इस सीट पर प्रभाव भी है इस वक्त धनंजय नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू में राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर है , अगर नीतीश और अखिलेश का चुनाव में गठबंधन हुआ तो धनंजय पूरा जोर लगायेगे की ये सीट जनता दल यू के खाते में हो और वो खुद यहां से चुनाव लडे ।

मछली शहर लोकसभा से बीजेपी से मौजूदा बीजेपी सांसद बीपी सरोज , केराकत के पूर्व विधायक दिनेश चौधरी , सपा के एक पूर्व मंत्री सहित कई लोगो की दावेदारी है तो वही समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद, केराकत विधायक तुफानी सरोज की पुत्री प्रिया सरोज , पूर्व मंत्री जगदीश सोनकर की दावेदारी मानी जा रही है , बसपा से कोई नया उम्मीदवार आने की संभावना है क्योंकि पिछला चुनाव लडे टी राम इस वक्त भाजपा से विधायक है ।
मछली शहर लोकसभा में जौनपुर की चार विधानसभा और एक वाराणसी की पिंडरा विधानसभा है जिसमे जौनपुर में मडियाहु में अपना दल भाजपा गठबंधन के आर के पटेल , मछली शहर से सपा की रागिनी सोनकर , जफराबाद से सपा सुभासपा के जगदीश नारायण राय , केराकत से सपा के तूफानी सरोज विधायक है ।

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटा होने के बाद भी पिछले चुनाव में भाजपा को जौनपुर में करारी शिकस्त हाथ लगी थी , भारतीय जनता पार्टी के केपी सिंह को बसपा-सपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव ने शिकस्त दिया था । हालांकि इसके पीछे सपा बसपा गठबंधन बड़ी वजह थी । जौनपुर आजमगढ़ से भी सटा होने के कारण हमेशा से सपा और बसपा के गढ़ के रूप में भी जाना जाता है यहां तक कि योगी सरकार के दौरान हुए उपचुनाव में भी सपा ने यहां से जीत हासिल की थी । चुनाव के दौरान यहां जाति गोलबंदी के आगे स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दे बौने साबित हो जाते हैं । जौनपुर लोकसभा में 5 विधानसभा सीटें है पिछले विधानसभा में 3 सीटों पर भाजपा और उसकी सहयोगी निषाद पार्टी ने जीत हासिल की थी , तो वही 2 सीटों पर सपा प्रत्याशियों को जीत मिली थी बदलापुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के रमेश चंद्र मिश्रा जीते थे , शाहगंज सीट पर निषाद पार्टी के रमेश सिंह को जीत हासिल हुई थी । जौनपुर सदर सीट पर बीजेपी के गिरीश यादव विजई हुए जो वर्तमान में योगी मंत्रिमंडल में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री है । मल्हनी में सपा के लकी यादव और मुंगरा बादशाहपुर में सपा के पंकज पटेल विधायक बने थे ।
जौनपुर लोकसभा सीट से बाहुबली धनंजय सिंह और बीजेपी के फायरब्रांड नेता स्वामी चिन्मयानंद सांसद रहे हैं स्वामी चिन्मयानंद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भी थे । जौनपुर में सबसे पहले सांसद बनने का गौरव कांग्रेस के बीरबल सिंह को हासिल हुआ था बीरबल सिंह लगातार दो बार सांसद रहे । 1962 के चुनाव में जनसंघ के ब्रह्मजीत सिंह ने जीत हासिल की 1963 में कांग्रेस के राजदेव सांसद बने 1967 के साथ 1971 में भी राजदेव सांसद चुने गए । 
इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में कांग्रेस को हार मिली और जनता पार्टी के यादवेंद्र दत्त दुबे ने जीत हासिल की 1980 में जनता पार्टी के ही अजीजुल्लाह आज़मी जीते । राजीव गांधी की लहर में 1984 में कांग्रेस ने वापसी की और कमला प्रसाद सिंह सांसद बने, 1989 में जनता दल और भाजपा का गठबंधन हुआ तो बीजेपी के यादवेंद्र दत्त दुबे सांसद बने ,1991 में जनता दल के अर्जुन सिंह यादव चुनाव जीते ,1996 में भाजपा के राज केसर सिंह और 1998 में सपा के पारसनाथ यादव को जीत मिली 1999 में भाजपा के स्वामी चिन्मयानंद सांसद बने और अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में गृह मंत्री भी बने । 2004 में एक बार फिर सपा के पारसनाथ यादव चुनाव जीते 2009 में बसपा के टिकट पर बाहुबली धनंजय सिंह सांसद चुने गए । 2014 की मोदी लहर में भाजपा के कृष्ण प्रताप सिंह सांसद चुने गए लेकिन 2019 में सपा बसपा का गठबंधन होने पर बीएसपी प्रत्याशी श्याम सिंह यादव से केपी सिंह हार गए । 

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