सेण्ट पैट्रिक स्कूल की लापरवाही से भड़का जनाक्रोश

सेण्ट पैट्रिक स्कूल की लापरवाही से भड़का जनाक्रोश
बस चालक एवं परिचालक ने छात्रा को छोड़ा घर से बहुत दूर
भटकती बच्ची को ग्रामीणों ने किसी तरह परिजनों तक पहुंचाया
जौनपुर। नगर के लाइन बाजार थानान्तर्गत ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित सेण्ट पैट्रिक सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के बस चालक एवं परिचालक द्वारा बुधवार को एक बहुत बड़ी गलती कर डाली गयी जिसको लेकर जहां परिजनों में काफी आ्क्रोश व्याप्त है, वहीं इसको लेकर नगर सहित पूरे जनपद में चर्चाओं का बाजार गर्म है। बुधवार को बस चालक पप्पू यादव एवं परिचालक मोहम्मद अली जान सहित विद्यालय के स्टाफ की जबर्दस्त लापरवाही उजागर हुई। बता दें कि नगर के नईगंज मोहल्ला निवासी अम्बुज श्रीवास्तव की पुत्री का दाखिला 2 महीने पहले उक्त स्कूल में कराया गया। परिजनों की मानें उपरोक्त लोग बिना अभिभावक की उपस्थिति और गलत पते पर नईगंज की बजाय रामनगर भड़सरा के आगे मोड़ पर उनकी पुत्री को छोड़ दिया गया। वह छोटी बच्ची रोते हुये गांव की तरफ लगभग आधा किमी चली गयी। स्थानीय लोगों ने बच्ची के कॉपी से अभिभावक को दूरभाष के माध्यम से सुपुर्द किया। इधर काफी देर तक बच्ची के घर न पहुंचने पर परेशान माता—पिता तत्काल मौके पर पहुंचे और बच्ची को लिये। साथ ही विद्यालय के विरुद्ध कार्यवाही हेतु नगर के लाइन बाजार थाने पर लिखित तहरीर भी दिया। इस तरह की वाक्या को लेकर जहां परिजनों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है, वहीं इसको लेकर लोगों ने विद्यालय प्रबन्धन के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग किया है। बताते चलें कि जनपद के तमाम नामचीन विद्यालय फीस के नाम पर जबर्दस्त वसूली करते हैं। नियम एवं कानून तो ऐसा बनाते हैं कि तुगलकी शासक भी फेल नजर आते हैं। फिलहाल किसी तरह अभिभावक अपने भविष्य को संवारने के लिये सभी शर्तों को मानते हुये बच्चों का दाखिला स्कूल में कराते हैं। आज की घटना को विद्यालय प्रबंधन समिति की घोर लापरवाही है परंतु बच्चे की चिन्ता किसी को नहीं। लोगों का कहना है कि यदि बच्ची किसी गलत हाथों में पड़ गयी होती तो जाने क्या होता? आखिर स्कूल के बच्चों की जिम्मदार कौन है? विद्यालय प्रबंधन या अभिभावक? लोगों ने कहा कि इस तरह की लापरवाही को गम्भीरता से लेते हुये सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही अवश्य होनी चाहिये।

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