मुल्क में अमन चैन के लिए मांगी गई दुआएं,


मुल्क में अमन चैन के लिए मांगी गई दुआएं, 
काजी शमशुद्दीन जाफरी की मजार पर चादर पोशी कर 
उर्से शम्शी में पूर्वांचल के जिलों से आते हैं हजारों अकीदत मंद
जौनपुर। पहली मुहर्रम के मौके पर जुमेरात को शहर में उर्से शम्शी अकीदत के साथ मनाया गया। 
 जिला कारागार के पीछे शेखपुर मोहल्ला स्थित काजी मोहम्मद शमसुद्दीन जाफरी की मजार पर चादर पोशी कर मुल्क में अमन चैन के लिए दुआएं मांगी गईं।
 मदरसा हनीफिया आलम खां से चादर लेकर अकीदतमंद शेखपुर स्थित काजी शमसुद्दीन अहमद जाफरी की मजार पर पहुंचे, जहां जौनपुर शहर के अलावा वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, सुल्तानपुर, अमेठी, श्रावस्ती समेत आसपास के कई जिलों से हजारों की संख्या में अकीदतमंद पहुंचे। अकीदतमंदो ने मजार पर चादर पोशी की। इससे पहले मदरसा हनीफिया के हजरत मौलाना अलहाज मोहिउद्दीन अहमद हेसाम जाफरीकी तबियत अलिल होने के बाद भी कुल शरीफ़ व दुआ में शिरकत किए मौलाना हकीकुल्लाह ने आपसी प्रेम सौहार्द का संदेश दिया। 
उन्होंने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत मौलाना समसुद्दीन की किताब कानून ए शरियत जो पूरी दुनिया में पढ़ाई जाती है और शादी के वक्त उस किताब को बच्चियों को दिया जाता है। ताकि वह इस्लामी तौर तरीके से अपनी जिंदगी गुजर बसर कर सकें । उसके बाद नातों का नजराना पेश किया गया । बाद सलाम तबर्रुक का वितरण किया गया। इस मौके पर मौलाना सईद नूरी, मौलाना हकीकुल्ला,,मौलाना सौआल, मौलाना कुद्दुस, मौलाना कयामुद्दीन, मौलाना रहिसुल खैरी, मौलाना शरीफुलहक, मौलाना साबिर, मौलाना फ़ुजैल, 
 शकील मंसूरी जफर मसूद आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में जलालुद्दीन उसैद ने आये हुए लोगो का शुक्रिया अदा किया।

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