कैंसर पर नियंत्रण पाने के लिए आम जनता में जागरुकता महत्वपूर्ण-डा अर्चित कपूर

*कैंसर पर नियंत्रण पाने के लिए आम जनता में जागरुकता महत्वपूर्ण-डा अर्चित कपूर*  

  *कैंसर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या, शीघ्र पता लगने और समय पर उपचार से रोग का निदान बेहतर - डा अर्चित कपूर* 

 *तम्बाकू, सुपारी, बीड़ी, सिगरेट और अत्यधिक शराब का सेवन मुंह व गले का कैंसर का मुख्य कारण,- डा अर्चित कपूर*

 (जौनपुर 24 सितम्बर)  लायन्स क्लब जौनपुर मेन द्वारा निशुल्क कैंसर जांच, परामर्श व जागरुकता शिविर स्थान डा अजीत कपूर के नर्सिंग होम रासमण्डल चौक पर आयोजित हुआ। आज लगभग 48  मरीजों की जांच व कुछ की एंडोस्कोपी जांच किया गया।
    इस अवसर पर हेड & नेक कैंसर सर्जन/ ऑन्कोलाजी (मुंह नाक गला, घेघा थायराइड कैंसर रोग विशेषज्ञ) डा अर्चित कपूर ने मरीज़ों की जांच किया। इस अवसर पर डा अर्चित कपूर ने जागरुक करते हुए विस्तार से बताया कि कैंसर एक बहुत ही गंभीर और घातक बीमारी है। उसमें भी मुॅंह और गले का कैंसर ज्यादा खतरनाक है। मुंह व गले का कैंसर काफी उच्च रुग्णता और मृत्यु दर के साथ एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है। शीघ्र पता लगाने और समय पर उपचार से रोग का निदान बेहतर होता है। मुंह, गले के कैंसर पर नियंत्रण पाने के लिए चिकित्सकों और आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण है, जिससे इस बीमारी का बोझ कम हो सके। इसके लक्षण मुंह में किसी तरह का घाव, आवाज का परिवर्तन, चबाने और निगलने में कठिनाई, पानी पीने में गला दर्द होना, गले में गांठ, नाक या मुंह में रक्तस्राव, दर्द या सुन्नता, मुंह खोलने में कठिनाई, चेहरे, गर्दन या कान में दर्द आदि। यदि इनमें से कोई लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक देखते हैं, तो अपने डॉक्टर से तुरन्त मिलें और तत्काल स्वास्थ्य जांच के कराये। ये कैंसर उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है, जो तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और अत्यधिक शराब का सेवन करते हैं। पान, सुपारी के सेवन से मुंह में छाले पनपते है, जब यह बार बार होने लगे तो यह कैंसर का जन्म दे सकता है। एक अन्य जोखिम कारक एचपीवी के साथ एक संक्रमण है जो गले के कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
   वरिष्ठ चिकित्सक डा अजीत कपूर ने कहाँ कि हमारे देश में मुंह, गले का कैंसर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या और आर्थिक बोझ पैदा करता है क्योंकि यह तेजी से हमारे युवाओं को प्रभावित कर रहा है। अधिक से अधिक युवा इस घातक बीमारी का शिकार बन रहे हैं जिससे उनके जीवन के सबसे उत्पादक वर्ष प्रभावित हो रहे हैं। भारतीय पुरुषों में मुंह, गले का कैंसर पश्चिमी आबादी की तुलना में एक या दो दशक पहले विकसित होता है, जहां यह आमतौर पर बुजुर्गों की बीमारी है। इसका कारण हमारे देश में तम्बाकू और शराब सेवन की आदतों का जल्दी शुरू होना हैं। हमें जागरूकता बढ़ानी चाहिए और तंबाकू से संबंधित इस कैंसर महामारी को समाप्त करना चाहिए। आइए हम इसका प्रचार करें और इस रोकथाम योग्य बीमारी के खिलाफ अभियान में शामिल हों।
   इसके पूर्व संस्थाध्यक्ष डा संदीप मौर्य ने आये हुए लोगों का स्वागत किया।  इस अवसर पर अरुण त्रिपाठी, सैय्यद मोहम्मद मुस्तफा, सचिव ज़ीहशम मुफ्ती, डा मदन मोहन वर्मा, महेन्द्रनाथ सेठ, नन्दलाल आदि उपस्थित रहे।

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