राष्ट्रवाद पर आधारित थी पण्डित जी की अर्थनीतिः प्रो. दिनेश मणि

राष्ट्रवाद पर आधारित थी पण्डित जी की अर्थनीतिः प्रो. दिनेश मणि
वसुधैव कुटुम्बकम की है भारतीय संस्कृतिः प्रो. वन्दना
पूविवि में संगोष्ठी का हुआ आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के तत्वावधान में आयोजित भारतीय संस्कृति एवं अर्थ नीति पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार विषयक संगोष्ठी का सोमवार को आर्यभट्ट सभागार में आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज के रसायन विभाग के प्रोफेसर दिनेश मणि ने विज्ञान के परिवेश में पंडित जी की भारतीय संस्कृति और अर्थनीति को परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि उनकी अर्थनीति राष्ट्रवाद पर आधारित थी। उन्होंने उनकी अंत्योदय योजना मे देश के अंतिम नागरिक की चिंता को सराहा और कहा कि वर्तमान सरकार उसका क्रियान्वयन कर रही है। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्व और पाश्चात्य देशों की संस्कृति सिर्फ अपने कल्याण के लिये है लेकिन भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। इसी कारण पाश्चात्य देशों की निगाहें हमारी संस्कृति पर टिकी है। भारत पूरी दुनिया का ऐसा देश है जो सभी धर्म और संस्कृति के लोगों को स्वीकार करता है। स्वागत भाषण और विषय प्रवर्तन प्रो. मानस पांडेय व संचालन डॉ. अनुराग मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंकित कुमार ने किया। इसके पूर्व विधि के विद्यार्थी अभिनव कीर्ति पांडेय और तनु श्रीवास्तव ने विस्तार से पंडित जी की संस्कृति और अर्थनीति पर चर्चा की। इस अवसर पर प्रो. वंदना राय, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. रविप्रकाश, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. अमित वत्स, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह, डॉ. विजय सिंह, शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. राहुल सिंह, डॉ. रसिकेश, डॉ. अमरेंद्र सिंह, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. राहुल राय, डॉ. राजित राम सोनकर, डॉ. प्रियंका कुमारी, महामंत्री रमेश कुमार यादव, डॉ. पीके कौशिक आदि उपस्थित रहे।

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