विश्वास व प्रेम भावना भगवान की प्राप्ति के उपाय: स्वामी रामचन्द्र

विश्वास व प्रेम भावना भगवान की प्राप्ति के उपाय: स्वामी रामचन्द्र
कथा में भजन गायिका निशा शर्मा ने बांधा समां
जौनपुर। शीतला चौकियां धाम में चल रहे श्री हनुमत कथा के समापन अवसर पर जगतगुरु रामभद्राचार्य के शिष्य, चित्रकूट के तुलसी पीठ उत्तराधिकारी व कथावाचक स्वामी रामचन्द्र महाराज ने हनुमत चरित्र का सुन्दर वर्णन करते हुए कहा कि हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जिनके चित्र नहीं चरित्र की पूजा होती है। हनुमान स्वयं को शून्य मानकर सिर्फ बड़ों की सेवा में जुटे रहे। भगवान की प्राप्ति के दो ही उपाय हैं विश्वास और प्रेम भावना। भगवान की न समीक्षा करो, न परीक्षा करो बस उनकी प्रतीक्षा करो। इसी के साथ ही कथा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने कहा कि रावण ने माता सीता का हरण कर अपराध किया लेकिन साधु वेश में किया यह सबसे बड़ा अपराध था। सभी साधु संतों को कलंकित किया। संगीत मय कथा के दौरान राम राम रटते रटते बीती रे उमरिया, रघुकुल नंदन कब आओगे, सब्र की उमरिया भजन गाया। पंडाल में बैठे भक्तों ने साथ में भजन गाकर भक्ति रस में डूब गए। कथा के दौरान पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा मंच पर पहुंचे। रामचंद्र जी महाराज व पुलिस अधीक्षक ने एक दूसरे का अभिनंदन किया। कथा से पूर्व बद्रीनाथ धाम से पधारे यज्ञ सम्राट बाल योगेश्वर दास जी, वृंदावन धाम से धनंजय दास जी पहुंचे। बाल योगेश्वर दास जी ने कहा कि आपका प्रेम देखकर भावुक हूं। आप लोग धन्य हैं जो साधु संतों के दर्शन हो रहे हैं। साधु संतों का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहे। यहां जो प्रेम देखने को मिला यह मेरा सौभाग्य है। इससे पूर्व भजन गायिका निशा शर्मा ने मां शीतला के भजनों को गाकर समां बांध दिया। मां शीतला कार्यसमिति अध्यक्ष व आयोजक विनय त्रिपाठी ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किये। कोषाध्यक्ष संजय माली, महामंत्री अनिल सोनकर, क्षमानाथ त्रिपाठी, आदर्श उपाध्याय, संदीप माली, अजय यादव, आनंद त्रिपाठी, पप्पू त्रिपाठी आदि का विशेष सहयोग रहा।

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