अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता के नाम ज्ञापन देकर कर्मचारियों ने हड़ताल में बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का तीन टुकड़ों में विभाजित कर सम्पूर्ण विद्युत का निजीकरण करने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चलाये जा रहे अभियान में सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता व अधिकारी शामिल थे। जिसके कारण से हम निविदा कर्मचारियों का विगत 08 माह से वेतन का भुगतान नही किया जा रहा है। इस सन्दर्भ में विभाग व अनुबन्धित कम्पनी को विगत आठ माह से बार-बार अवगत कराने के साथ ही वेतन का भुगतान कराने का अनुरोध किया जाता रहा है, किन्तु प्रत्येक माह की उपस्थिति तो प्रेषित की जा रही है किन्तु वेतन के भुगतान के सम्बन्ध में यह आश्वासन देकर छोड़ दिया जाता है कि 'भुगतान की कार्यवाही की जा रही है और जल्दी ही बकाया वेतन सहित वर्तमान माह के वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा। किन्तु न तो किसी प्रकार के बकाये वेतन का भुगतान अभी तक हुआ है और न ही वर्तमान में हो रहा है। परन्तु झूठे आश्वासन देकर निविदा कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है। वेतन के भुगतान न होने से संविदा कर्मचारियों की मूखमरी की स्थिति बन चुकी है और उनके परिवार का भरन-पोषण करना कठिन हो गया है। उन्होने बताया कि आपूर्ति सुचारू रूप से बनाये रखने एवं अनुरक्षण/परिचालन जैसे महत्वपूर्ण कार्य के सम्पादन में निविदा कर्मचारियों को आम भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। निविदा कर्मचारियों ने अविलम्ब बकाये वेतन का भुगतान कराने के मांग साथ ही विद्युत प्रशासन को चेताया है कि भुगतान नहीं होगा तो 02.नवम्बर से अपने विभागीय कार्य को करने में असमर्थ रहेंगे। यदि प्राकृतिक रूप से किसी प्रकार का विद्युत व्यवधान या आपूर्ति बाधित होती है तो जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
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