लीवर व पित्त की थैली बायें के बजाय दायें रही
सामान्य से काफी अधिक समय में हुआ आपरेशन
जौनपुर। किसी बड़े एवं जटिल कार्य को आसानी से करने के बाद अक्सर लोग यह कहते हैं कि मैंने तो उसे अपने बांये हाथ से कर दिया। यह सुनकर अमूमन लोग यह समझ जाते हैं कि यह व्यक्ति काफी दक्ष है तभी तो जटिल कार्य को बड़ी आसानी से कर डाला। यही बात जनपद के एक ऐसे युवा सर्जन पर सटीक बैठता है जिन्होंने न सिर्फ एक मरीज का जटिल आपरेशन किया, बल्कि जौनपुर के चिकित्सकीय किताब में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में भी लिखवा लिया। उक्त चिकित्सक डा. विकास यादव हैं जो मुम्बई से पढ़ाई करके नगर के नईगंज में वासुदेव अस्पताल का संचालन कर रहे हैं।
डा. विकास (लेप्रोस्कोपिक मिनिमल इन्वेसिव सर्जन) के अनुसार उनके यहां मछलीशहर निवासी रेनू यादव नामक एक मरीज आयी जिसमें पेट में पिछले कई दिनों से दर्द हो रहा था। अल्ट्रासाउण्ड से पता चला कि पित्त की थैली में पथरी है परन्तु इस दौरान आश्चर्य वाली बात यह पता चली कि उसके भीतरी अंग सब उल्टी हैं। यानी लीवर अथवा पित्त की थैली बायीं तरफ है जबकि अमूमन सबको दायीं तरफ होता है। डा. विकास ने बताया कि इस परिवर्तित स्थिति को साइटस इनवर्सस टोटेलिस कहते हैं जो जानकारों के अनुसार 50 हजार में से किसी एक को होता है। फिलहाल उक्त मरीज का आपरेशन शुरू हुआ जिसमें सामान्य आपरेशन से कई गुना अधिक समय लगा और अंतत: सफलता भी मिल गयी।
इस बाबत पूछे जाने पर डा. विकास यादव ने बताया कि शरीर के भीतरी अंग के स्थान परिवर्तन पर होने पर आपरेशन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जैसे सामान्य रूप से हम जैसे चिकित्सक अपने दायें हाथ से आपरेशन करते हैं लेकिन उपरोक्त स्थिति में बांये हाथ से आपरेशन करना पड़ता है जो सामान्य स्थिति से एकदम विपरीत है। उन्होंने बताया कि इस तरह का जटिल आपरेशन जौनपुर सहित आस—पास के जनपदों में सम्भवत: पहला माना जा रहा है। फिलहाल मरीज की स्थिति एकदम ठीक है। वहीं मरीज सहित उनके परिजन डा. विकास यादव की हृदय से तारीफ कर रहे हैं।
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