हर व्यक्ति को सत्य मार्ग को अपनाकर अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिये: प्रभाकर जी

जफराबाद, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के अहमदपुर गांव में जनपद के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राम सिंगार शुक्ल गदेला एवं सम्पादक प्रकाश चन्द्र शुक्ल के घर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन वृंदावन से पधारे संत प्रभाकर जी ने उपस्थित भक्तों को जीवन जीने के मार्ग और तरीके बताते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का पान करने से मानव सद्मार्ग पर चलकर ईश्वर को प्राप्त कर लेता है। ठाकुर जी बड़े दयालु हैं। सच्चे मन से उन्हें अपने मन में बसा लेने से मानव के हर कष्ट को दूर कर देते हैं। कथा वाचन के दौरान वाचक ने कहा कि हर व्यक्ति को सत्य मार्ग को अपना कर अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए। ईश्वर सबको अवसर देता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसका सदुपयोग कर अपने जीवन को सफल बना सके एवं राष्ट्र और समाज का हित कर सके। जब तक आप ठाकुर जी के भरोसे रहते हैं, तब तक वह आपकी सहायता और कल्याण करते हैं। जब आपका मन ईश्वर से दूर हो जाता है तब ईश्वर भी आपसे दूर हो जाता है। विभिन्न उदाहरण में देते हुए कथा व्यास ने कहा कि बड़े भाग्य से मनुष्य का तन मिलता है। सत्य मार्ग पर चलकर जीना चाहिए। ईश्वर सभी के कल्याण के लिए हर समय उपलब्ध हैं। बस उनका भजन कर आप उनको अपने हृदय में बसा लीजिए। आपका मन जब ईश्वर में लीन हो जाएगा। आप दैवीय शक्तियों को प्राप्त कर लेंगे। हर जीव में ईश्वर वास करता है। जीव को इसका ज्ञान हो जाए तब जन्म सार्थक हो जाता है, अन्यथा यह मन भटकता रहता है। आज लोग अर्थ के चक्कर में जीवन को व्यर्थ कर रहे हैं। माता-पिता की सेवा से भाग रहे हैं। एक मां-बाप अपने 10 बच्चों का पालन कर लेता है लेकिन 10 बच्चे मिलकर बुढ़ापे में एक मां-बाप का पालन करने से भाग रहे हैं जो हमारी सनातन परंपरा के विरुद्ध है। घर आए अतिथि का स्वागत सनातन परंपरा के अनुसार करने से ईश्वर प्रसन्न होता है और आत्मा को शांति मिलती है। कोठी, बंगला, कार और वैभव की सामग्री आत्म शांति नहीं दे सकती। आत्म शांति तो बस ईश्वर के बतायें। मार्ग पर चलकर सत्कर्मों से मिलती है। आप भाग्यशाली हैं। बहुत पुण्य कार्य करने के बाद मानव योनि मिलती है और सत्कर्म ही मोक्ष का रास्ता है। गाय व गोपाल सेवा करके आप अपनी जीवन यात्रा को पूर्ण कर मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं लेकिन मानव है कि अपने हित के लिए वह सब कुछ कर देता है जो उसे नहीं करना चाहिए। आज भाई-भाई में एक—दूसरे के प्रति नफरत भावना व्याप्त है। यह मानव जाति के लिए बहुत ही अहितकारी है। इस दौरान विभिन्न प्रकार की झांकियां का प्रस्तुतिकरण कर मानव से प्रेम करने का और एक दूसरी का सहयोग करने पर क्या लाभ होता है। श्रीमद् भागवत में वर्णित बातों की प्रभाकर महाराज ने बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण कर उपस्थित भक्तों को समझाया।
कथा श्रवण करने वालों में वरिष्ठ चिकित्सक डा. मनमोहन सिंह, डा. अरुण मिश्रा, डॉ विनय तिवारी, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रदीप सिंह, वरिष्ठ ग्राम विकास अधिकारी रामकृष्ण पाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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