कृषि सखियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

 जौनपुर 09 मई, 2025 कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा में शुक्रवार को राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत कृषि सखी/सीआरपी के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार कन्नौजिया ने कृषि सखी/सीआरपी को सम्बोधित करते हुए प्राकृतिक खेती की अवधारणा एवं सिद्धान्तों के बारे में बताया एवं अपने अनुभव को साझा किया।
          उन्होंने कृषि सखियों को मूल्य संवर्धन के महत्व के बारे में बताया। यह प्रशिक्षण 05 मई से 09 मई तक पांच दिनों तक आयोजित हुआ। चयनित कृषि सखियां प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लेकर अपने खेत पर स्वयं रसायन मुक्त खेती करेगी एवं अपने क्लस्टर के चयनित कृषकों को भी गौ आधारित शून्य बजट वाली प्राकृतिक खेती हेतु प्रेरित करेगी, मिशन में जिले के 10 ब्लाकों से 55 क्लस्टर तैयार कर 2750 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 6875 कृषकों को प्राकृतिक खेती के लिए चिन्हित किया गया है, प्रत्येक क्लस्टर में से दो कृषि सखी/सीआरपी का चयन किया गया है। 
           इरी वाराणसी के वैज्ञानिक डा. विपिन कुमार ने कहा कि किसान प्राकृतिक खेती में रासायनिक खादों एवं कीटनाशको का उपयोग किए बिना स्वस्थ एवं टिकाऊ खेती कर अपनी समृद्धि कर सकते है। उन्होंने धान की सीधी बुआई (डीएसआर) तकनीक की विस्तृत जानकारी दी। 
   कार्यक्रम का संचालन डा. रमेश चन्द्र यादव उप परियोजना निदेशक आत्मा द्वारा किया गया। उन्होंने प्राकृतिक खेती मिशन एवं कृषि सखी/सीआरपी के कार्य और उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराया और बताया कि प्राकृतिक खेती के चार मुख्य सिद्धान्त है, जीवा मृत, वीजा मृत, आच्छादन और वाफसा है, सिद्धांत पूर्ण रूप से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके खेती करने और मिट्टी, पानी एवं पर्यावरण स्वस्थ रखने पर केंद्रित है। 
           प्रशिक्षण के प्रथम दिन डॉ0 हरिओम वर्मा द्वारा बताया गया कि प्रत्येक क्लस्टर में दो कृषि सखी का चयन हुआ है इन सखियों को हर क्लस्टर मे 125 किसानो को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित करना है। प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्राकृतिक खेती में देशी गाय के महत्व एवं अन्य पशुओं के उपयोग के साथ मृदा स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी गयी। तीसरे दिन डा. रूपेश सिंह द्वारा पौधों में लगने वाले रोंगो एवं कीटों का प्राकृतिक उपचार, फसल चक्र के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। चौथे दिन प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटको को जीवंत प्रयोग कराया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन फार्म प्रक्षेत्र भ्रमण एवं इंटीग्रेटेड फार्मिंग के विभिन्न मॉडल के बारे में जानकारी दी गयी। प्रशिक्षु प्रतिभागियों द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की सराहना की गईं एवं भारत सरकार के राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।
            अन्त में डॉ0 सुरेन्द्र प्रताप सोनकर के धन्यवाद ज्ञापन से प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस मौके पर एडीओ एजी अनुराग सिंग, अमित सिंह, नरेंद्र सिंह, अशोक कुमार सहित चयनित कृषि सखियां उपस्थित रही।

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