आर्टिकल 341(3) पर लगे धार्मिक प्रतिबंध के खिलाफ पीस पार्टी ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

आर्टिकल 341(3) पर लगे धार्मिक प्रतिबंध के खिलाफ पीस पार्टी ने राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
जौनपुर। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब के आह्वान पर, जिला अध्यक्ष मोहम्मद असलम अंसारी के नेतृत्व में 10 अगस्त को काला दिवस मनाते हुए पीस पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई कि धारा 341(3) के तहत मुस्लिम अनुसूचित जातियों को भी अनुसूचित जाति (SC) आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाए।

ज्ञापन में कहा गया कि ब्रिटिश शासनकाल (1936 तक) और स्वतंत्रता के बाद भी सभी धर्मों के अनुसूचित जातियों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलता था। लेकिन 10 अगस्त 1950 के संवैधानिक आदेश में ‘हिंदू’ शब्द जोड़कर मुस्लिम अनुसूचित जातियों को इस अधिकार से वंचित कर दिया गया। बाद में 1956 में सिख धर्म और 1990 में बौद्ध धर्म को SC आरक्षण में शामिल किया गया, पर मुस्लिम समुदाय अब भी वंचित है।

जस्टिस सच्चर समिति (2006) और जस्टिस रंगनाथ मिश्रा समिति (2007) की रिपोर्ट में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को अनुसूचित जातियों से भी बदतर बताया गया और उन्हें SC श्रेणी में शामिल करने की सिफारिश की गई। बावजूद इसके, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वर्तमान में भाजपा सरकार द्वारा गठित जस्टिस के.जी. बालकृष्णन आयोग ने भी इस मुद्दे को नजरअंदाज किया।

पूर्व जिलाध्यक्ष शाह आलम अंसारी ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त 1950 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अध्यादेश जारी कर मुस्लिमों को अनुसूचित जाति से बाहर कर दिया, जो एक बड़ा अन्याय था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य दल मुस्लिम समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में देखते हैं, जबकि उनके वास्तविक कल्याण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं करते।

ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष मोहम्मद असलम अंसारी, पूर्व जिलाध्यक्ष शाह आलम अंसारी, जिला संगठन मंत्री स्वदेश कुमार, माजिद अंसारी, इफ़्तीखार अंसारी, राधेश्याम दूबे, खुर्शीद अहमद, अमित कुमार, कप्तान चौहान, शिवानंद राय, दीपक दुबे, शिवराम चौहान, शतीश पांडेय, घनश्याम प्रजापति, तौफ़ीक़ खान, खुर्शीद अंसारी समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे।

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