*नहजुल बलाग़ा- धार्मिक, नैतिक, और सामाजिक मुद्दों पर व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करता है-मौलाना सै सफदर हुसैन ज़ैदी*
*स्व. सै अली शब्बर की बरसी पर हुई मजलिस*
समाजसेवी स्वर्गीय सैय्यद अली शब्बर सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की आठवीं बरसी पर एक मजलिस उनके निवास स्थान मुस्तफा हाउस मोहल्ला अजमेरी में हुई।
मजलिस में सोज़ख्वानी सै आमिर मेहंदी कजगांवी ने अपने साथियों के साथ किया।
मजलिस को सम्बोधित करते हुए धर्मगुरु मौलाना सैय्यद सफदर हुसैन ज़ैदी ने कहा कि नहजुल बलाग़ा नामक किताब हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम के भाषणों (ख़ुत्बो) उपदेशों (हिकमतो) और पत्रों (मकतूबात) का एक संग्रह है, जो धार्मिक, नैतिक, और सामाजिक मुद्दों पर व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। नहजुल बलाग़ा का महत्व बहुत है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अल्लाह के आदेशों का पालन करने, नैतिक और आध्यात्मिक उत्थान, न्यायपूर्ण शासन, और सामाजिक न्याय के लिए मार्गदर्शन करना है।
आगे मौलाना सफदर हुसैन ने कहा कि नहजुल बलाग़ा मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करता है, जैसे सत्य की ओर मार्गदर्शन करना, और दूसरों में दोष ढूंढने से बचना। इसमें शासकों के लिए जनहित और न्यायपूर्ण शासन के दिशानिर्देश शामिल हैं, जिसमें जनता के अधिकारों का पालन करना और समाज के गरीब वर्गों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना शामिल है। इमाम अली अलैहिस्सलाम का जीवन अत्याचार का विरोध करने और उत्पीड़ितों की सहायता करने का प्रतीक है, और नहजुल बलाग़ा इस भावना को दर्शाता है। और मनुष्य को बुरी आदतों को छोड़ने और अपने विश्वास तथा ज्ञान व बुद्धि का प्रसार को बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है।
उन्होंने कहा कि पवित्र क़ुरआन के बाद नहजुल बलाग़ा सबसे महत्वपूर्ण किताब मानी जाती है।
मरहूम के बड़े पुत्र सै मोहम्मद मुस्तफा ने आयें हुए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर सै हैदर हुसैन, कैफी मोहम्मदाबादी, हसन मुस्तफा, वजीह आब्दी, नजमुल हसन, रेयाज, हुसैन अहमद, मोहम्मद अब्बास दानिश, अनवारुल हसन, हाजी ताहिर खान, असद हैदर, मुफ्ती आबिश, ऐमन मिन्टो, अहमद अब्बास, तालिब जौनपुरी सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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