जौनपुर मेडिकल कॉलेज को मिला पहला देहदान
कानपुर से लाई गई 70 वर्षीय कारोबारी की पार्थिव देह, 15 साल बाद पूरा हुआ संकल्प
जौनपुर। जौनपुर मेडिकल कॉलेज के इतिहास में सोमवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ, जब युग दधीचि देहदान अभियान के प्रणेता मनोज सेंगर एवं माधवी सेंगर कानपुर से पहली पार्थिव देह लेकर कॉलेज पहुँचे। यह देहदान कॉलेज को प्राप्त होने वाला पहला देहदान है।
जे- ब्लॉक, गोविंद नगर (कानपुर) निवासी 70 वर्षीय कारोबारी संतोष सिंह कुशवाहा ने अगस्त 2010 में देहदान का संकल्प लिया था। रविवार रात करीब 1 बजे हृदयरोग संस्थान में उनका निधन हो गया। पुत्र आकाश सिंह ने रात 2 बजे मनोज सेंगर को सूचना देकर पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने की प्रक्रिया शुरू कराई।
इसके बाद अभियान महासचिव माधवी सेंगर ने तुरंत ही पार्थिव देह को जौनपुर ले जाने का निर्णय लिया। रातों-रात आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी कर सुबह 9:30 बजे कानपुर से शव यात्रा रवाना हुई और शाम 4 बजे जौनपुर मेडिकल कॉलेज पहुँची।
यहां एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. भारती यादव, पूर्व प्राचार्या डॉ. रुचिरा सेठी, डॉ. अर्चना चौधरी, डॉ. प्रियंका सिंह और छात्रों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पार्थिव देह को श्रद्धांजलि दी और सम्मानपूर्वक स्वीकार किया।
मनोज सेंगर ने बताया कि “प्राचार्य डॉ. आर.बी. कमल के लगातार प्रयासों से कॉलेज को यह पहला देहदान प्राप्त हुआ है।” उन्होंने कहा कि यह देहदान अभियान का 309वां देहदान है।
कानपुर से विदाई के समय दिवंगत संतोष सिंह की पत्नी कमलादेवी, पुत्र आकाश सिंह, पुत्रवधू निधि सिंह, एवं पुत्रियाँ गुंजन और रुचि सिंह सहित परिजनों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आरती व पुष्पांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी।
सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहे स्व. संतोष सिंह कुशवाहा ने जीवन भर सेवा का मार्ग अपनाया और मृत्यु के बाद अपनी देह दान कर समाज के लिए प्रेरक उदाहरण बन गए। सेंगर दंपति ने कहा “हमने केवल संतोष सिंह का ही नहीं, बल्कि 18 नवंबर को प्राचार्य महोदय से किया अपना वादा भी पूरा किया।”

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