एचआईवी एड्स वैश्विक महामारी
नैतिकता और संस्कारवाद
संस्कारों की पृष्ठभूमि पर चलती हमारी नैतिक सामाजिक व्यवस्था में एचआईवी संक्रमण को गहरी भेदभाव और कलंक से जोड़ दिया है परिणाम स्वरूप संक्रमण पर रोकथाम में अनेक तरह की सामाजिक चुनौतियां रही
संक्रमण को छुपाए जाने से भयावता बढ़ती चली गई किंशासा से उठकर धीरे-धीरे विश्व के सभी देशों को संक्रमित करने वाला यह संक्रमण 1986में प्रथम बार भारत के चेन्नई में पाया गया हम भारतीय सोच रहे थे कि ह हमारे परिवेश में इसका प्रवाह संभव नहीं है परंतु बढ़ते प्रवाह को देखते हुए परिवार करना कल्याण मंत्रालय ne 1992 में नेशनल ऐड्स कंट्रोल कमिटी की स्थापना की गई एचआईवी संक्रमण के चार मुख्य कारण है
1. संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध
2. संक्रमित व्यक्ति के रक्त से
3. संक्रमित माता से बच्चों में
4. संक्रमित सुई के sajha प्रयोग से
गौरतलब है कि आजकल युवाओं में टैटू के प्रति अत्यंत रुझान देखा जा रहा है जो की आने वाले समय में अत्यंत भयावह स्वरूप को प्रदान करने वाला है टैटू पर रोकथाम के लिए पर्याप्त प्रोग्राम को चलाई जाने की आवश्यकता है सरकार के निरंतर प्रयास में से महत्वपूर्ण कुछ प्रयासों को दृष्टिगत करते हुए
एकीकृत परामर्श / जांच व्यवस्था
संक्रमित होने पर दवा मुफ्त संपूर्ण उपचार बच्चों
के लिए पेंशन की व्यवस्था
संक्रमित महिला गर्भवती के बच्चों के लिए 2 साल तक लगातार जांच/ उपचार
मुक्त विधिक सहायता एवं परामर्श एवं लोकपाल vidheyak
जीवन यापन के लिए मुख्य धारा से जोड़े जाने का निरंतर प्रयास
भेदभाव और कलंक से बचाव के लिए विधिक व्यवस्था उल्लेखनीय है कि pri
एक्स्पोज़र मेडिसिन के व्यवस्था में आने से उच्च जोखिम को निरंतर कम किया जा रहा है जानकारी ही बचाव है जागरूकता के कार्यक्रमों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है जैसा कि शोध बताता है कि 30% लोग ही आज के समय में पूर्ण जागरुक है सत प्रतिशत परिणाम के लिए सत प्रतिशत जागरूकता की आवश्यकता है सहभागिता बढ़ाए जाने के लिए सभी सामाजिक संस्थाओं को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए एचआईवी जैसी महामारी से अपने राष्ट्र को बचाने में आम व्यक्ति को भी आगे आकर रोकथाम में अपनी भागीदारी करनी होगी जिससे हम इस वैश्विक महामारी पर विजय कर पाएंगे निश्चित है कि आने वाले कल में जीत लेंगे इस महामारी से विजय प्राप्त करके अपनी सच्ची सेवा राष्ट्र को दे सकेंगे राष्ट्र को समर्पित
सीमा सिंह परामर्शदाता जिला महिला चिकित्सालय जौनपुर

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