कोरोना से मरने वालों का शव राम घाट पर न जलाने की उठी आवाज

जौनपुर। कोरोना पॉजिटिव लोगों की मौत के बाद अंतिम संस्कार हेतु नगर से सटे राम घाट को चिंहित करने की प्रक्रिया करने पर घाट के डोम, अंतिम संस्कार सम्बन्धित सामान बेचने वाले दुकानदारों सहित क्षेत्रीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इसी को लेकर लोगों ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपते हुये कोरोना से मरने वालों के शव को राम घाट पर अंतिम संस्कार न करने की मांग किया।
जिलाधिकारी को सौंपे गये पत्रक के माध्यम से लोगों ने कहा कि राम घाट जनपद सहित अगल-बगल के जिलों का ऐतिहासिक एवं पौराणिक मोक्ष स्थल है। इस स्थल पर डोम के अलावा अंतिम संस्कार से सम्बन्धित सामानों की दर्जनों दुकानें हैं। साथ ही अगल-बगल दर्जनों परिवार निवास भी करते हैं जिनके बच्चे वहीं खेलते भी हैं। इधर कुछ दिनों से प्रशासनिक व पुलिस विभाग से सम्बन्धित लोग राम घाट पर पहुंचकर कोरोना से मरने वालों के शव को जलाने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने की कोशिश कर रहे हैं।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार जहां कोरोना से मरने वालों के शव को परिजनों तक को जिला व पुलिस प्रशासन नहीं दे रहा है, वहीं उनके शव को इस मोक्ष स्थल पर जलाने की कवायद शुरू की जा रही है जो एकदम गलत है। इस मोक्ष स्थल पर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीणांचलों से लेकर अगल-बगल के जनपदों के लोग शव लेकर आते हैं जिसके चलते घाट पर हर समय सैकड़ों की भीड़ रहती है।
ऐसे में यहां कोरोना से मरने वालों के शव जलाने से यहां आने वालों के अलावा घाट के बगल-बगल रहने वाले परिवारों के लिये गम्भीर संकट का माध्यम बन जायेगा जो शासन-प्रशासन की दृष्टिकोण से ही गलत है। लोगों ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपते हुये इस पौराणिक एवं ऐतिहासिक स्थल के बजाय किसी सुनसान, वीरान एवं किसी भी दृष्टिकोण से काम न आने वाले स्थल को चयनित करने की मांग किया है।

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2 Comments

  1. रामघाट जौनपुर का एकमात्र घाट जहाँ पर प्रतिदिन 10000 की भीड़ और 50 लाशो का लगभग शवदाह होता है ऐसे में प्रशासन और समस्या को गम गंभीर रूप दे सकता है

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  2. रामघाट में प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते हैं अगर यहां कोरोना कि लाश जली तो मामला गंभीर हो सकता है

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